Not known Details About Shiv chaisa
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
बृहस्पतिदेव की कथा
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
योगी यति मुनि Shiv chaisa ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
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